Tech टका टक
भारत की चीन पर एक और डिजिटल स्ट्राइक, 47 चीनी ऐप्स बैन, 275 ऐप्स अब भी सरकार के रडार पर
पिछले दिनों भारत में 59 चीनी ऐप्स पर बैन (china apps ban) लगा दिया गया था। अब एक बार फिर भारत सरकार ने 47 चीनी ऐप्स पर बैन लगा दिया है।

भारत और चीन के बीच सीमा पर चल रहे तनाव (India-China Standoff) के बीच भारत सरकार ने चीनी ऐप्स के प्रति सख्त रूख अपनाया है। पिछले दिनों भारत में 59 चीनी ऐप्स पर बैन (Chinese apps ban) लगा दिया गया था। अब एक बार फिर भारत सरकार ने 47 चीनी ऐप्स पर बैन लगा दिया है। इतना ही नहीं कुछ और चीनी ऐप्स पर भी बैन (Chinese apps ban) लगाया जा सकता है।
खबरों की मानें तो मोदी सरकार ने चीन पर एक और डिजिटल स्ट्राइक कर दी है। इस बार 47 चीनी ऐप्स पर बैन लगाया गया है। बैन किए गए 47 ऐप्स में ज्यादातर क्लोनिंग वाले ऐप्स हैं, यानी जो ऐप पहले बैन किये गए थे उनके जैसे ऐप बनाकर उतार दिए गए थे। इन ऐप्स पर यूजर्स की डेटा चोरी का आरोप है।
PUBG समेत 275 चीनी ऐप्स सरकार के रडार पर
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि सरकार लगभग 275 चीनी ऐप्स की जांच कर रही है कि उनसे नेशनल सिक्योरिटी (National security) और यूजर प्राइवेसी (Privacy) को कोई खतरा तो नहीं है। अगर कोई ऐप इस जांच में फेल होती है तो उसे बैन करने की तैयारी है। खबर के मुताबिक, इन 275 चीनी ऐप्स में मशहूर गेमिंग ऐप PUBG भी शामिल है। इसके अलावा Xiaomi की Zili ऐप, Alibaba की Aliexpress ऐप, Resso ऐप और Bytedance की ULike ऐप जैसी कई पॉपुलर ऐप्स भी सरकार के रडार पर हैं। जानकारी के अनुसार सरकार उन ऐप्स पर विशेष ध्यान दे रही है जिनका सर्वर चीन में है।
नियम बनाने की तैयारी में सरकार
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत सरकार साइबर सिक्योरिटी को लेकर काफी गंभीर है। सरकार देश के नागरिकों के डेटा को सिक्योर करना चाहती है। इसलिए मोदी सरकार ऐप्स के लिए कुछ नियम बना रही है, जिनका पालन सभी ऐप्स को करना होगा। जो ऐप्स नियमों का उल्लंघन करेंगी उन्हें बैन किया जा सकता है। इन नियमों में बताया जाएगा कि किसी ऐप को क्या करना है और क्या नहीं करना है।
बता दें कि मोदी सरकार ने कुछ दिन पहले ही 59 चीनी ऐप्स पर बैन लगाया था। इन 59 चीनी ऐप्स में टिकटॉक (tiktok), वीगो वीडियो, लाइकी, UCWeb, UC न्यूज़, शेयरit और कैमस्कैनर जैसी पॉपुलर ऐप्स शामिल थीं। इन ऐप्स को बैन करने के लिए सरकार ने कारण बताया था कि ये ऐप्स नेशनल सिक्योरिटी और डेटा प्रोटेक्शन के लिए खतरनाक हैं।